Aayat of the day| सुरह आले इमरान आयत 134|Quran (3:134)
Arabic:
الَّذِیۡنَ یُنۡفِقُوۡنَ فِی السَّرَّآءِ وَ الضَّرَّآءِ وَ الۡکٰظِمِیۡنَ الۡغَیۡظَ وَ الۡعَافِیۡنَ عَنِ النَّاسِ ؕ وَ اللّٰہُ یُحِبُّ الۡمُحۡسِنِیۡنَ
तर्जुमा हिंदी में:
जो ख़ुशहाली में भी और बदहाली में भी (अल्लाह के लिये) माल ख़र्च करते हैं, और जो ग़ुस्से को पी जाने और लोगों को माफ़ कर देने के अ़ादी हैं अल्लाह ऐसे नेक लोगों से मुहब्बत करता है।
Who spend [in the cause of Allah ] during ease and hardship and who restrain anger and who pardon the people - and Allah loves the doers of good