Aayat of the day|surat–un–Nahal Aayat 52 | Quran 16:52
Arabic
وَ لَہٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَ الۡاَرۡضِ وَ لَہُ الدِّیۡنُ وَاصِبًا ؕ اَفَغَیۡرَ اللّٰہِ تَتَّقُوۡنَ
तर्जुमा हिंदी में
और आसमानों और ज़मीन में जो कुछ है, उसी का है, और उसी की इताअ़त हर हाल में लाज़िम है। क्या फिर भी तुम अल्लाह के सिवा औरों से डरते हो?
Translation in English
His is whatever is in the heavens and the earth and obedience to Him inevitably pervades the whole universe. Will you then hold in awe any other than Allah?