6 kalma in hindi with translation:6 कलमा हिंदी अनुवाद के साथ:कलमा पड़ने के फायदे

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6 kalma in hindi with translation:6 कलमा हिंदी अनुवाद के साथ 



ये पोस्ट थोड़ा लम्बा है। थोड़ा सा वक्त निकाल कर इससे पूरा पढ़े इंशाअल्लाह हमे और आपको नफा पहुंचे गा। 


या आप चाहे तो स्क्रॉल कर के सीधा 6 कलिमा उनके तर्जुमे और फायदे के बारे में पड़ सकते है।


अस्सलामु अलैकुम मैं हुं अरशद हुसैन, दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे सीखेंगे कालिमात पढ़ना और समझेंगे आसान हिन्दी भाषा में: 

दोस्तो क्या आप जानते दुनिया में कुछ लोग ऐसे भीं है या यूं कहे कुछ मुसलमान ऐसे भी है जिनकी उम्र दुनिया से जाने की हो चली है, और पहला कलिमा भी याद नही है उनको, और जिनको याद है,वो इस कलीमे का तर्जुमा भी नही जानते और ऐसे कुछ लोगों की तादाद बोहत ज़्यादा है, और क्या आप जानते है कलमे का तर्जुमा(मतलब) जानना हर मोमिन मर्द और औरत पर फर्ज है। इसलिए हमें चाहिए कि दीन को सीखे और लोगों तक पहुंचाएं, इंशा अल्लाह हमारा मक़सद है अल्लाह और उस के रसूल हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम का दीन हर घर तक पहुंचे और अल्लाह रब्बुल इज्जत से दुआ है,की हर मुसलमान का यही मक़सद हो आमीन


इस पोस्ट को लिखने का मकसद सिर्फ इतना ही है कि जो लोग उर्दू या अरबी नही जानते इस पोस्ट से फ़ायदा उठाये और दीन ए इस्लाम की बुनायदी तालिमात हासिल कर सके और लोगों तक पहुंचाएं।


हमारे इस्लाम में कुल 6 कलिमात है, जिनके नाम है: पहला कलमा तय्यब, दूसरा कलमा शहादत, तीसरा कलमा तमजीद, चौथा कलमा तौहीद, पांचवाँ कलमा इस्तिग़फ़ार. छठवां कलमा रद्दे कुफ्र।

 

ये जो कलिमात के नाम है इनका भी अपना एक डेफिनेशन है। चलिए इन कलिमात के नामो कि मुख्तसर सी तफसीर पर रौशनी डालते है।


1 तय्यब(पाक): यानी पाक होना हर हर शिर्क से और अल्लाह को अपना रब मानना और हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम को अल्लाह का आखरी नबी मानना।    


2 शहादत(गवाही): गवाही देना की अल्लाह के सिवा कोई माबुद नही है।

और वो अकेला है और उसका कोई शरीक नही है। और हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के आखरी रसूल है।  


3 तमजीद(बुजूर्गी,बड़ाई) 

अल्लाह की बड़ाई करना।

सारी तारीफ़ और बड़ाई सिर्फ अल्लाह के लिए जो हर चीज़ से बड़े हैं, और किसी में ताक़त नहीं ताक़त और बल तो सिर्फ अल्लाह ही में है,जो बुजुर्गी वाले निहायत मेहरबान और रेहम करने वाले है।


4 तोहिद:अल्लाह को एक मानना और अल्लाह को किसी के साथ शरीक न करना,अल्लाह ही पैदा करता है,और मौत भी अल्लाह ही देता। और अल्लाह जिंदा है, अल्लाह को कभी मौत नही आयेगी, और अल्लाह बड़े जलाल वाला और बुजुर्गी वाला है।

अल्लाह के हाथ में हर तरह की भलाई है, और वो हर चीज़ पे कादिर है। इन बातो को माना को मानना और ईमान लाने को तोहिद कहते है।


5 अस्तगफार: अस्तगफार का मतलब अपनी गलतियों की माफ़ी माँगना और गुनाहों की बख्शीश कराना है।अल्लाह बेशक़ रेहम करने वाला है,और गैब कि बाते जानने वाला है और ऐबों को छिपाने वाला है और गुनाहो को बख्शने वाला है।


 6 रद्दे कुफ्र: जैसा कि नाम से पता चल ही गया होगा। कुफ्र को रद करना और अपने जबान से इकरार करना और दिल से ईमान लाना के अल्लाह के सिवा कोइ इबादत के लायक नहीं, और हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम  अल्लाह के रसूल हैं।


इन 6 शब्दों के मतलब (explanation) जो मैने लिखे है इनको जो समझ गया या जो समझता है, और ईमान रखता है। वो कामिल ईमान वाला है।


Note मैंने इन 6 शब्दों के या 6 कलिमात की जो explain किया है ये मैंने अपनी तरफ से लिखा है। मैंने सारे शब्द कलिमत के तर्जुमे में से लिया है। अगर कोई गलती या कोताही हो गई हो लिखने में तो मुझे कॉमेंट कर के जरूर बताएं।इंशा अल्लाह इसमें सुधार किया जायेगा या डिलीट कर दिया जाएगा।




أعوذُ بِٱللَّهِ مِنَ ٱلشَّيۡطَٰنِ ٱلرَّجِيمِ 

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ


Note: किसी भी दुआ को पढ़ने से पहले अऊज़ुबिल्लाही मिनाश सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़े उसके बाद ही दुआ पढ़े।



पहला कलमा तय्यब


لَآ اِلٰهَ اِلَّااللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُولُ اللہِ


“ला इलाहा इल्लाहु मुहम्मदुर्र सूलुल्लाह”।


तर्जुमा:

“नहीं है अल्लाह के सिवा कोई माबूद और हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के प्यारे वा नेक बन्दे है और यह आखिरी रसूल है”।


पहले कल्में को पढ़ने के फायदे:

 नबी ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने यह फर माया था, कि इंसान पहले कलमा (तय्यब) को अच्छी तरीके से और हर दिन पढ़ेगा, उसे यह फायदे होंगे इंशाअल्लाह 


पहला कलमा को पढ़ने वाले शकक्स के पास हमेशा एक ताजगी रहेगी, और बंदा हमेशा हि खुश मिजाज रहेगा।

Pehla Kalma को पढ़ने वाला बंदा हमेशा हि अल्लाह कि देख-रेख में रहेगा, और किसी भी तरह के खतरे से हमेशा महफूज होगा।

 पहला कलमा को पढ़ने वाला बहुत ही सूज बूज वाला व होशियार होगा, वह किसी भी मुश्किल मे डगमगाएगा नहीं, और वह आसानी से उस मुश्किल घड़ी से निकाल जाएगा।

पहला कलमा को अच्छे से पढ़ने वाले से सभी तरह कि बीमारियां दूर रहती है, और अगर उन्हें कोई बीमारियाँ होती भी है तो वो धीरे-धीरे करके ठीक होने लग जाती है।

 पहला कलमा को पढ़ने से घर मे बरक्कत आती है, और आपके काम और पढ़ाई में मन भी लगना शुरू हो जाता है।

पहला कलमा को पढ़ने के मुखतसर और भी कई फायदे है जो हम लोगों को मालूम भी नहीं है बैरहाल हमे कसरत से इस कालीमात को पढ़ना चाहिए और अपने भाई बहनों को भी बताना चाहिए जिससे उन्हे भी फायदा हो और हमसे अल्लाह और भी खुश हो



दूसरा कलमा शहादत 


اشْهَدُ انْ لّآ اِلهَ اِلَّا اللّهُوَ اَشْهَدُ اَنَّ مُحَمَّدً اعَبْدُهوَرَسُولُه


“अशहदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु, व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु”।


तर्जुमा इस तरह है – मैं गवाही देता हु कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं है, वो अकेले है और अल्लाह का कोई शरीक नहीं है, और मैं गवाही देता हु कि नबी ए करीम ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के प्यारे वा नेक बन्दे है और यह आखिरी रसूल है”।



कलमा ए शहादत को पढ़ने के फायदे 


Dusra Kalma शहादत को सुबह-सुबह पढ़ने से आपका पूरा दिन अच्छा गुजरता है, और आपके अंदर खुसुशी तौर पर पोसिटिव (अच्छी) Energy रहती है।

दूसरा कलमा शहादत को जो बंदा अच्छी ढंग से पड़ेगा उस पर अल्लाह की तरफ से सारे गुनाहों को माफ कर दिया जाएगा।

दूसरा कलमा शहादत को पढ़ने से रोजी मे बरकत होना शूरु हो जाती है और आपका काम अच्छा होने लगता है।

दूसरा कलमा शहादत को Daily पढ़ने से अल्लाह का साया हमारे जानिब बना रहता है, और हम जो भी नेक काम करते है उसमे बरक्कत होती है।

तो मेरे दोस्तों ये थे कुछ फायदे इस कलमा के पढ़ने के और आपको बता दूँ की इसके अलावा भी और कई सारे फायदे होते है, हमे कोशिश करनी चाहिए कि हम कालीमात को रोज पड़ें और बा वुजू के साथ पढ़ना चाहिए इनशाल्लाह अल्लाह इसका सवाब हमे जरूर देंगे।



तीसरा कलमा तमजीद 


سُبْحَان اللهِ وَالْحَمْدُلِلّهِ وَلا إِلهَ إِلّااللّهُ وَاللّهُ أكْبَرُ وَلا حَوْلَ وَلاَ قُوَّةَ إِلَّا بِاللّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيْم


 सुब्हा नल्लाही, वल् हम्दु लिल्ला हि, वला इला ह इलल्ला हु, वल्ला हु अकबर, वला हौ ल वला कूव् व त, इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यील अजीम।


तमजीद का तर्जुमा इस तरह हैअल्लाह की ज़ात हर चीज से पाक है और सारी तारीफे सिर्फ अल्लाह के लिए है, और अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, अल्लाह तलाह हर चीज से बड़े है और न हि किसी में ताकत है न बल, ताकत और बल तो सिर्फ अल्लाह में है जो कि बहुत मेहरबान है और निहायत रहेम वाले है।



तीसरा कलमा पढ़ने के फायदे


तीसरे कलमा को पड़ने से अल्लाह हमारी हर मुसीबतों और परेशानियों से लड़ने में हमारी मदद फरमाते है, हमे हौसला देते है।

तीसरे कलमा को सुबह कि नमाज़ (फ़जर) के बाद मे इसे पढ़ना अच्छा मानते है।

तीसरे कलमा को पड़ने से हमे पूरे दिन एक ताजगी सी महसूस होती है।

तीसरे कलमा को पड़ने से अल्लाह हमारे कारोबार और पढ़ाई में बरकत अता फरमाते है।

तीसरे कलमा  को पड़ने से हमारी सेहत दुरुस्त बनी रहती है, और अगरचे कोई मर्ज होता है तो इनशाल्लाह आहिस्ते-आहिस्ते सही होने लगता है।

तीसरे कलमा मे अल्लाह कि इबादत कि बातें कही गईं है, और हमे कोशिश करनी चाहिए के हम तीसरे कलमे को और साथ हि पूरे छः कलमे (Six Kalma) को दिन मे एक बार पढ़ना चाहिए इससे आप अल्लाह के करीब रहेंगे




चौथा कलमा तौहीद


لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَهٗ لَا شَرِيْكَ لَهٗ لَهُ الْمُلْكُ وَ لَهُ الْحَمْدُ يُحْىٖ وَ يُمِيْتُ وَ هُوَحَیٌّ لَّا يَمُوْتُ اَبَدًا اَبَدًاؕ ذُو الْجَلَالِ وَالْاِكْرَامِؕ بِيَدِهِ الْخَيْرُؕ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شیْ ٍٔ قَدِیْرٌؕ


 लाइलाह इल्लल्लाहु वह्-दहू ला शरीक लहू लहुल मुल्क व लहुल हम्दु युह यी व यु मीतु व हु-व हय्युल-ला यमूतु अ ब द न अ ब दा जुल जलालि वल इक् रा म बि यदि हिल खैर व हु व अला कुल्लि शै इन क़दीर।


चौथा कलमा तौहीद का तर्जुमा इस तरह है –

अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और इबादत के लायक सिर्फ अल्लाह है और वह एक है, और अल्लाह का कोई शरीक नहीं, सब कुछ अल्लाह का है, और सारी तारीफ़ें सिर्फ अल्लाह के हि लिए है, और अल्लाह हि जिलाता और वही मारता है, और अल्लाह जिन्दा है, और अल्लाह को कभी मौत नहीं आएगी, अल्लाह बड़े जलाल वाला और बुजुर्गी वाला है, अल्लाह के हाथ में हर तरह कि भलाई है और वोह हर चीज़ पे क़ादिर है।


चौथा कलमा तौहीद पढ़ने के फायदे

चौथा कलमा पढ़ने से अल्लाह हमारी हर मुसीबतों और परेशानियों से लड़ने में हमारी मदद फरमाते है, हमे हौसला देते है।

चौथे कलमा को पढ़ने कि एक फ़ज़ीलत यह भी है कि नबी ए करीम ﷺ हज़रत मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यह इरसाद फरमाया कि जो इंसान सुबह के वक्त अगर चौथा कलमा को सौ मर्तबा और जब सोने लगे उस वक्त अगर इसे सौ मर्तबा पढ़ता है तो उसे बनी इसराइल के गुलामात आजाद करने का सवाब मिलेगा।

चौथा कलमा को सुबह पढ़ना अच्छा मानते है।

चौथा कलमा को पड़ने से हमे पूरे दिन एक ताजगी सी महसूस होती है।

चौथा कलमा को पड़ने से अल्लाह हमारे कारोबार और पढ़ाई में बरकत अता फरमाते है।

चौथा कलमा  को पड़ने से हमारी सेहत दुरुस्त बनी रहती है, और अगरचे कोई मर्ज होता है तो इनशाल्लाह आहिस्ते-आहिस्ते सही होने लगता है।



पाँचवा कलमा अस्तगफ़ार


اَسْتَغْفِرُ اللهَ رَبِّىْ مِنْ كُلِّ ذَنْۢبٍ اَذْنَبْتُهٗ عَمَدًا اَوْ خَطَا ًٔ سِرًّا اَوْ عَلَانِيَةً وَّاَتُوْبُ اِلَيْهِ مِنَ الذَّنْۢبِ الَّذِیْٓ اَعْلَمُ وَ مِنَ الذَّنْۢبِ الَّذِىْ لَآ اَعْلَمُ اِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوْبِ وَ سَتَّارُ الْعُيُوْبِ و َغَفَّارُ الذُّنُوْبِ وَ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللهِ الْعَلِىِّ الْعَظِيْمِؕ 


अस्तग़ फिरुल्ला ह रब्बी मिन कुल्लि जम्बिन अज नब तुहु अ म द न औ ख-त-अन सिर्रन औ अलानियतंव् व अतूवु इलैहि मिनज जम्बिल लजी ला अ अलमु इन्नक अन्त अल्लामुल गुयूबी व सत्तारुल उयूबि व गफ्फा रुज्जुनुबि वाला हौंला वला कुव्वत इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम।


दोस्तों पाँचवा कलमा अस्तगफ़ार का तर्जुमा हिन्दी मे इस तरह है –

मै अपने पालनहार (अल्लाह) से अपने सारे गुनाहो कि माफ़ी मांगता हुँ, जो मैंने जाने अनजाने मे किए है या फिर जान कर किए है या मैंने भूल कर किए हो यह फिर छिप कर किए हो या सरे आम किया हो और अल्लाह से तौबा करता हूँ उस गुनाह से, जो मैं जनता हूँ और उस गुनाह से जो मैं नहीं जानता हूँ या अल्लाह बेशक़ आप गैब कि बाते जानने वाले है और ऐबों को छिपाने वाले है और गुनाहो को बख्शने वाले है, और हम्मे गुनाहो से बचने और नेकी करने कि ताक़त नहीं, अल्लाह के सिवा जो की खूब बुलंदी वाले है। 



पाँचवा कलमा इस्तिगफार पढ़ने के फायदे 

1. दोस्तों अगर हम पाँचवा कलमा इस्तिगफ़ार को दिल से पड़ेंगे तो इनशाल्लाह जो हमने जाने अनजाने या फिर भूल कर गुनाह किए है अल्लाह उसे माफ फरमा देते है।


2. अगर हम इसे फ़जर की नामज़ के बाद पड़ेंगे तो अल्लाह हमारे गुनाह माफ करने के साथ हि हमे बुरे काम से और बुरे चीजों और बुरे लोगों से बचाते है।


3. पाँचवा कलमा को पड़ने से अल्लाह हमे अच्छे लोगों के साथ रखने की कोशिश करतें है, और हमे नेकी की राह दिखाते है।


4. पाँचवा कलमा को पड़ने से अल्लाह आपके कारोबार और घर मे बरकत अता फरमाते है।


दोस्तों ऐसे हि कई फायदे है इस कलमे को फायदे है जो हमे इस कलमे को और साथ हि और कालीमात को पड़ने से मिलते है, तो इस लिए हमे कोशिश करनी चाहिए की हमे इनकी तिलवात जरूर करनी चाहिए।



छठा कलमा रद्दे कुफ्र


اَللّٰهُمَّ اِنِّیْٓ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ اَنْ اُشْرِكَ بِكَ شَيْئًا وَّاَنَآ اَعْلَمُ بِهٖ وَ اَسْتَغْفِرُكَ لِمَا لَآ اَعْلَمُ بِهٖ تُبْتُ عَنْهُ وَ تَبَرَّأْتُ مِنَ الْكُفْرِ وَ الشِّرْكِ وَ الْكِذْبِ وَ الْغِيْبَةِ وَ الْبِدْعَةِ وَ النَّمِيْمَةِ وَ الْفَوَاحِشِ وَ الْبُهْتَانِ وَ الْمَعَاصِىْ كُلِّهَا وَ اَسْلَمْتُ وَ اَقُوْلُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللهِؕ


“अल्ला हुम्मा इन्नी अऊजू बिका मिन अन उशरिका बिका शयऔं व अना अलमु बिहि व अस्तग्फिरुका लिमा ला अलमु बिहि तुबतू अन्हूँ वतबर्रअतू मिनल कुफरी वश शिरकी वल किज़्बी वल गी बति वल बिदअति वन्नमी मति वल फवाहिशी वल बुहु तानि वल मआसी कुल्लिहा व असलमतु व अकुलु ल इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसूलुल्लाह”।



छटा कलमा का हिन्दी तर्जुमा इस तरह है – ऐ अल्लाह हम आपकी हि पनाह चाहता है इस बात से के आपके साथ किसी चीज़ को शामिल करें और मुझे इसका इल्म हो और बख्शिश चाहते है, आपसे वास्ते उन गुनाहो के जिनका मुझे इल्म नहीं, मैंने उससे तौबा की, और बेज़ार हुवा में कुफ्र से, शिर्क से, जूठ से, ग़ीबत से, बिदअत से, चुंगलखोरी से और बुरी बातों से और तोह मत लगाने से और तरह-तरह कि नाफ़रमानियो से, मैं इस्लाम लाया, मैं ईमान लाया और कैंहता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोइ इबादत के लायक नहीं, और हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम  अल्लाह के रसूल हैं।


छठा कलमा को पढ़ने के फायदे

छटा कलमा को पढ़ने से आपके गुनाह माफ होते है और अल्लाह आपको गुनाहो से बचाते है।

छटा कलमा को पढ़ने वाला बंदा हमेशा हि अल्लाह कि देख-रेख में रहेगा, और किसी भी तरह के खतरे से हमेशा महफूज होगा।

छटा कलमा को पढ़ने वाला बहुत ही सूज बूज वाला व होशियार होगा, वह किसी भी मुश्किल मे डगमगाएगा नहीं, और वह आसानी से उस मुश्किल घड़ी से निकाल जाएगा।

छटा कलमा को पढ़ने से आप कुफ़र से बचते है और अल्लाह आपको कुफ़र से बचाएंगे।

छटा कलमा को दिन की शुरुआत मे जरूर पढ़ना चाहिए इससे आपके गुनाह तो माफ होंगे हि साथ हि सभी तरह कि बीमारियाँ ठीक होती रहती है।



Conclusion and message 


दोस्तों मुझे उम्मीद है कि अब आपको 6 कलिमों कि काफी जानकारी मिली होगी, और हर तर्जूमे ने आपको अल्लाह और उसके रसूल का तारूफ कराया होगा,और ईमान में ताजगी आई होगी। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए बहुत सारे लोगों को इसकी जरूरत है।

लोग अल्लाह को जानते तो है,पर शायद मानते नही।जबान से इकरार तो करते तो है, पर दिल में क्या है, अल्लाह ही जाने। शायद ये अल्लाह को जानते नही। शायद किसी ने इनको अल्लाह से तारूफ करवाया ही नही। हमारे रसूल का पैगाम इन तक पहुंचाया ही नहीं। दीन कि तबलीग पूरे उम्मेत की जिम्मेदारी है। चलिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं,लोगों से अल्लाह का तारूफ करवाए,अपने नबी हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम का दीन पूरी दुनिया में फैलाए।दुआ कीजिए इस तबलीग के काम में अल्लाह हमे कामयाबी अता करे Ameen इस छोटी सी कोशिश और ऐसे ही इनफॉर्मेटिव पोस्ट के लिए आप हमारे वेब साइट https://muslimscholarsorg.blogspot.com से जुड़े रहे।

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जल्द ही मुलाक़ात होगी नई इनफॉर्मेटिव पोस्ट में।

जबतक अपना और अपने गिरदोह नवाह के लोगो का ख्याल रखिए।

अस्सलाम अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातहू।


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