ATYAT OF THE DAY
सुरः हुद आयत 34
Arabi:
وَ لَا یَنۡفَعُکُمۡ نُصۡحِیۡۤ اِنۡ اَرَدۡتُّ اَنۡ اَنۡصَحَ لَکُمۡ اِنۡ کَانَ اللّٰہُ یُرِیۡدُ اَنۡ یُّغۡوِیَکُمۡ ؕ ہُوَ رَبُّکُمۡ ۟ وَ اِلَیۡہِ تُرۡجَعُوۡنَ
अब अगर मैं तुम्हारा कुछ भला करना भी चाहूँ तो मेरा भला चाहना तुम्हें कोई फ़ायदा नहीं दे सकता, जबकि अल्लाह ही ने तुम्हें भटका देने का इरादा कर लिया हो। वही तुम्हारा रब है और उसी की तरफ़ तुम्हें पलटना है।